मनीष तिवारी जी की किताब
मनीष तिवारी और उनकी किताब '10 flash points : 20 years'
10 फ्लैश पॉइंट्स : 20 ईयर्स
मनीष_तिवारी कॉन्ग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता है उन्होंने '10 फ्लैश पॉइंट्स : 20 ईयर्स' नाम की एक किताब लिखी जिसकी रिलीज डेट 2 दिसंबर 2021 है जिसकी रिलीज डेट से पहले ही भारतीय राजनीतिक गलियारों में बहुत ज्यादा शोर शराबा है दरअसल इस किताब में 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले में 166 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी उस समय यूपीए गवर्नमेंट का शासन था और इस किताब के लेखक मनीष तिवारी जी तत्कालिक यूपीए गवर्नमेंट में कैबिनेट मंत्री थे उन्होंने उस समय की तत्कालिक यू पी ए गवर्नमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं उन्होंने कहा है की जिस तरह का आतंकी हमला था जितने लोग इस हमले में मारे गए उस समय मनमोहन सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक उचित कठोर कार्रवाई करनी चाहिए थी जो कि नहीं की गई उन्होंने इस किताब में लिखा है कि इतना ज्यादा संयम और वह भी पाकिस्तान जैसे देश के लिए, हमारी एक बहुत बड़ी कमजोरी को दर्शाता है मनीष तिवारी जी ने 26/11 के उस आतंकी हमले को असहनीय और क्रूर हमला बताया है।
उन्होंने अपनी ही तत्कालिक सरकार पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं जिसके प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह रहे हैं हालांकि किताब 2 दिसंबर को रिलीज होनी है उससे पहले ही देशभर के राजनीतिक हलकों में इस किताब को लेकर बहुत ज्यादा चर्चाओं का दौर जारी हो चुका है बीजेपी सरकार के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव भाटिया जी ने कांग्रेस पार्टी को देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का संगीन आरोप लगाया है कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री पवन खेड़ा ने इसकी रिलीज से पहले इस पर कोई भी कमेंट करने से मना कर दिया कांग्रेस पार्टी इस कंट्रोवर्सी को लेकर बैकफुट पर दिखाई दे रही है अगर मनीष तिवारी जी की इस किताब '10 पॉइंट्स : 20 इयर्स' मैं लिखे गए इस विषय की गंभीरता को समझा जाए तो आम लोगों के जहन में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर नीतियों और नीयत पर शक करना वाजिब दिखाई देता है
26/11 एक बहुत ही बड़ा आतंकी हमला था जिसको लेकर भारतीय जनमानस एक कठोर कार्रवाई की कांग्रेस पार्टी से अपेक्षा भी रखता था लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस पर कोई सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कठोर कार्यवाही नहीं की देश की जनता इस गंभीर सवाल का जवाब चाहती है ऐसा कौन सा कारण था कि मनमोहन सरकार कठोर कार्रवाई से बचती रही क्या कांग्रेस सरकार की इच्छाशक्ति कमजोर थी या कांग्रेस की नीयत सही नहीं थी
अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी डॉ मनमोहन सिंह और श्रीमती सोनिया गांधी इस विषय पर क्या जवाब देते हैं ।
लेखक-सावन चौहान कारोली
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