माँ
माँ
माँ ममता है ,
कोख है,
त्याग है,
,तपस्या है,
जन्म है,
जननी है,
गौर है माँ
एक नई सुहानी सी भोर है, माँ...!!
माँ दुग्ध है,
आंचल है,
माँ लगाव है,
भाव है,
ठहराव है,
जुड़ाव है,
विस्तार है,
उस परमेश्वर का अवतार है माँ...!!
माँ बिछौना है,
सिरहाना है,
झपकी है,
नींद है,
सपना है,
उम्मीद है,
चाव है,
छांव है,
ठांव है माँ
उस असीम शक्ति का फैलाव है माँ...!!
माँ विश्वास है
आश है
आँगन है,
घर है,
सब्र है,
हौसला है,
संबल है माँ
नज़र ना लगने देने वाला माथे का छोटा सा टीका सुरक्षा का काजल है माँ…!!
माँ गोद है,
पालना है,
थपकी है
लोरी है,
नेह है,
सुकून है,
आदत है माँ
सच बोलूँ तो उसकी कुदरत है माँ…!!
माँ परवाह है,
फिक्र है,
चिंता है,
रंग है,
उमंग है,
दुवा है,
दया है,
दिलासा है माँ
अबोध बालक की तोतली जुबान भाषा,परिभाषा है माँ…!!
माँ सीख है,
समझ है,
पंख है,
उड़ान है,
ताकत है,
ऊचाई है,
गहराई है,
आसमान है माँ,
मेरा मानना है भगवान है माँ...!!
कवि सावन चौहान कारोली
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